हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने एलान किया है कि वो GE F-404 इंजन मिलते ही भारतीय वायुसेना (IAF) को तीन तेजस Mk1A लड़ाकू विमान और चार तेजस Mk1 ट्रेनर विमान सौंपने के लिए तैयार है। इन इंजनों की डिलीवरी अगले कुछ दिनों में शुरू होने की उम्मीद है, जिससे तेजस कार्यक्रम में लंबे समय से चली आ रही देरी के बाद एक अहम प्रगति होगी।
सूत्रों के मुताबिक, HAL की उत्पादन लाइन पूरी तरह सक्रिय है, और तीन और तेजस Mk1A और पाँच अतिरिक्त Mk1 ट्रेनर विमान फिलहाल निर्माण के चरण में हैं। HAL अधिकारियों ने इन विमानों की डिलीवरी के लिए तत्परता की पुष्टि की है। उनके अनुसार, विमानों ने या तो पुराने, आरक्षित इंजनों का इस्तेमाल करके शुरुआती उड़ान परीक्षण पूरे कर लिए हैं, या फिर वो आगे के परीक्षणों से गुज़र रहे हैं।
तेजस Mk1A और ट्रेनर विमानों की डिलीवरी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से F-404 इंजनों की आपूर्ति में दिक्कतों की वजह से अटकी हुई थी। ये इंजन इन विमानों के संचालन के लिए बेहद ज़रूरी हैं। इस रुकावट के बावजूद, HAL ने अपना उत्पादन जारी रखा, ताकि इंजन मिलते ही विमानों को तुरंत चालू करके सौंपा जा सके।
तेजस Mk1A संस्करण में मूल Mk1 की तुलना में कई सुधार किए गए हैं, जैसे कि बेहतर एवियोनिक्स, बेहतर रडार सिस्टम और ज़्यादा हथियार क्षमता। ये इसे IAF के आधुनिकीकरण के लिए एक अहम हथियार बनाते हैं। इसी तरह, तेजस Mk1 ट्रेनर पायलट प्रशिक्षण के लिए बहुत ज़रूरी हैं, ताकि IAF लड़ाकू विमानों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कर सके।
ये खबर ऐसे समय में आई है, जब IAF अपनी स्क्वाड्रन की ताकत बढ़ाना चाहता है, और तेजस पुराने विमानों को बदलने में अहम भूमिका निभा रहा है। इन विमानों की संभावित डिलीवरी न सिर्फ़ वायुसेना की operational readiness को बढ़ाएगी, बल्कि भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक कदम आगे होगा। संक्षेप में, HAL GE इंजन के आते ही 3 तेजस Mk1A और 4 ट्रेनर विमान IAF को देने के लिए तैयार है। इंजन की देरी के कारण डिलीवरी रुकी हुई थी, पर अब जल्द ही यह विमान वायुसेना में शामिल हो सकेंगे।